एक कम्प्यूटर सिस्टम अनेक इकाइयों का एक समूह होता है , जो एक या अनेक लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु बनाया जाता है । उदाहरणार्थ- प्रयोगशाला भी एक सिस्टम है , जिसका लक्ष्य विविध प्रकार के शोध करना है तथा जिसकी अनेक इकाइयाँ ; वैज्ञानिक शोधार्थी और वैज्ञानिक उपकरण इत्यादि हैं । इसी प्रकार कम्प्यूटर भी एक सिस्टम है , जिसका लक्ष्य विविध प्रकार के कार्य करना है तथा जिसकी इकाइयाँ हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर हैं ।
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कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर Computer Software in Hindi |
कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर Computer Software in Hindi
सॉफ्टवेयर , प्रोग्रामिग भाषा में लिखे गए निर्देशों अर्थात् प्रोग्रामों की वह शृंखला है , जो कम्प्यूटर सिस्टम के कार्यों को नियन्त्रित करता है तथा कम्प्यूटर के विभिन्न हार्डवेयरों के बीच समन्वय स्थापित करता है , ताकि किसी विशेष कार्य को पूरा किया जा सके । इसका प्राथमिक उद्देश्य डेटा को सूचना में परिवर्तित करना है । सॉफ्टवेयर के निर्देशों के अनुसार ही हार्डवेयर कार्य करता है । इसे प्रोग्रामों का समूह भी कहते हैं । दूसरे शब्दों में , “ कम्प्यूटरों में सैकड़ों की संख्या में प्रोग्राम होते हैं ' सॉफ्टवेयर के प्रकार निम्न हैं -
Types of Software in Hindi
1 . सिस्टम सॉफ्टवेयर 2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
1. सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
उनको सम्मिलित रूप से ' सिस्टम सॉफ्टवेयर ' कहा जाता है । सामान्यतः System Software Computer के निर्माता द्वारा ही उपलब्ध कराया जाता है । वैसे यह बाद में बाजार से भी खरीदा जा सकता है । कम्प्यूटर से हमारा सम्पर्क या संवाद सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही हो पाता है । दूसरे शब्दों में कम्प्यूटर हमेशा सिस्टम सॉफ्टवेयर के नियन्त्रण में ही रहता है , जिसकी वजह से हमसीधे कम्प्यूटर से अपना सम्पर्क नहीं बना सकते । वास्तव में सिस्टम सॉफ्टवेयर के बिना कम्प्यूटर से सीधा सम्पर्क नामुमकिन है , इसलिए सिस्टम सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता की सुविधा के लिए ही बनाया जाता है । सिस्टम सॉफ्टवेयर से हमें बहुत सुविधा हो जाती है , क्योंकि वह कम्प्यूटर को अपने नियन्त्रण में लेकर हमारे द्वारा बताए गए कार्यों को कराने तथा प्रोग्रामों का सही - सही पालन करने के दायित्व अपने ऊपर ले लेता है । सिस्टम सॉफ्टवेयर में वे प्रोग्राम शामिल होते हैं , जो कम्प्यूटर सिस्टम को नियन्त्रित (Control) करते हैं और उसके विभिन्न भागों के बीच उचित तालमेल बनाकर कार्य कराते हैं ।
Which of The Following is System Software
(निम्न में से कौन सा सिस्टम सॉफ्टवेयर है)
निम्नलिखित सिस्टम सॉफ्टवेयर के कई अन्य उदाहरण हैं-
- Operating System जैसे Windows, MacOS, Linux, आदि।
- डिवाइस ड्राइवर जो हार्डवेयर डिवाइस को ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ संचार करने की अनुमति देते हैं।
- Utility programs जैसे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर, डिस्क क्लीनअप टूल, बैकअप और रिस्टोर प्रोग्राम आदि।
- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टूल जिनका उपयोग एप्लिकेशन बनाने के लिए किया जाता है।
- Virtualization software जो एक ही कंप्यूटर पर कई Operating System को चलाने की अनुमति देता है।
अतः सही उत्तर दिए गए विकल्पों पर निर्भर करता है। कृपया मुझे विकल्प प्रदान करें, और मुझे आपको यह बताने में खुशी होगी कि कौन सा सिस्टम सॉफ्टवेयर है।
(i) सिस्टम मैनेजमेन्ट प्रोग्राम (System Management Program)
ये वे प्रोग्राम होते हैं , जो सिस्टम का प्रबन्धन (Management) करने काम आते हैं। इन प्रोग्राम्स का प्रमुख कार्य इनपुट आउटपुट तथा मैमोरी युक्तियों और प्रोसेसर के विभिन्न कार्यों का प्रबन्धन करना है। ऑपरेटिंग सिस्टम , डिवाइस ड्राइवर्स तथा सिस्टम यूटिलिटिज , सिस्टम मैनेजमेण्ट प्रोग्राम्स के प्रमुख उदाहरण हैं।
(a) ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
इसका प्रमुख कार्य उपयोगकर्ता (User) तथा हार्डवेयर के मध्य एक समन्वय स्थापित करना है । ऑपरेटिंग सिस्टम कुछ विशेष प्रोग्रामों का ऐसा व्यवस्थित समूह है , जो किसी कम्प्यूटर के सम्पूर्ण क्रियाकलापों को नियन्त्रित रखता है । यह कम्प्यूटर के साधनों के उपयोग पर नजर रखने और उन्हें व्यवस्थित करने में हमारी सहायता करता है । ऑपरेटिंग सिस्टम आवश्यक होने पर अन्य प्रोग्रामों को चालू करता है , विशेष सेवाएँ देने वाले प्रोग्रामों का मशीनी भाषा में अनुवाद करता है और उपयोगकर्ताओं की इच्छा के अनुसार आउटपुट निकालने के लिए डेटा का प्रबन्धन करता है । वास्तव में यह प्रोग्रामों को कार्य करने के लिए एक आधार उपलब्ध कराता है । उदाहरण एम एस डॉस , विण्डोज XP / 2000 / 98 , यूनिक्स , लाइनेक्स इत्यादि ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ उदाहरण हैं ।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Functions of Operating System) -
- कम्प्यूटर तथा उसके उपयोगकर्ता के बीच संवाद (Communication) स्थापित करना।
- कम्प्यूटर के सभी उपकरणों को नियन्त्रण में रखना तथा उनसे काम लेना ।
- ऊपर बताए गए कार्यों में सहायक , दूसरे छोटे - छोटे कार्य करना या उनकी व्यवस्था करना।
- प्रक्रिया प्रबंधन (Process Management)
- मेमोरी प्रबंधन (Memory Management)
- फाइल प्रबंधन (File Management)
- डिवाइस प्रबंधन (Device Management)
- डिस्क प्रबंधन (Disc Management)
- सुरक्षा प्रबंधन (Security Management)
Examples of Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण)
- विंडोज (Windows)
- एंड्रॉयड (Android)
- आईओइस और मैकिंटोश (iOS macintosh)
- लिनक्स (Linux)
- यूनिक्स (Unix)
(b) (Device Driver) डिवाइस ड्राइवर
ये सॉफ्टवेयर किसी युक्ति तथा उपयोगकर्ता के मध्य इण्टरफेस (Interface) का कार्य करते हैं । किसी भी युक्ति को सुचारू रूप से चलाने के लिए चाहे वो प्रिण्टर , माउस , मॉनीटर या की - बोर्ड ही हो , उसके साथ एक ड्राइवर प्रोग्राम जुड़ा होता है । यह ऑपरेटिंग सिस्टम के निर्देशों (Commands) को कम्प्यूटर के विभिन्न भागों के लिए उनकी भाषा में परिवर्तित करता है । डिवाइस ड्राइवर्स निर्देशों का ऐसा समूह होता है जो हमारे कम्प्यूटर का परिचय उससे जुड़ने वाले हार्डवेयर्स से करवाते हैं ।
Mantra Device Driver मंत्र डिवाइस ड्राइवर
Mantra Device Driver एक सॉफ्टवेयर घटक है जो कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और मंत्रा डिवाइस के बीच संचार को सक्षम बनाता है। मंत्र यंत्र एक प्रकार का हार्डवेयर उपकरण है जिसका उपयोग आध्यात्मिक या ध्यान संबंधी अभ्यासों के लिए किया जाता है।
Device Driver मंत्र डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करता है, जिससे कंप्यूटर को डिवाइस से सूचना भेजने और प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। इस जानकारी में डिवाइस की वर्तमान स्थिति, लागू करने के लिए आवश्यक कोई भी सेटिंग या कॉन्फ़िगरेशन, या उपयोग के दौरान डिवाइस द्वारा उत्पन्न कोई भी डेटा जैसी चीज़ें शामिल हो सकती हैं।
Mantra Device Driver बनाने के लिए, एक प्रोग्रामर को डिवाइस के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर के साथ-साथ ऑपरेटिंग सिस्टम की विशिष्ट आवश्यकताओं की अच्छी समझ होनी चाहिए, जिसके साथ ड्राइवर काम करना चाहता है। उन्हें एक या एक से अधिक प्रोग्रामिंग भाषाओं, जैसे C या C++ में कुशल होने की आवश्यकता होगी, और उनके पास विंडोज ड्राइवर किट या लिनक्स कर्नेल जैसे डिवाइस ड्राइवर फ्रेमवर्क के साथ काम करने का अनुभव होगा।
कुल मिलाकर, मंत्रा डिवाइस ड्राइवर किसी भी कंप्यूटर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण घटक है जिसे मंत्रा डिवाइस के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, क्योंकि यह डिवाइस को उपयोगकर्ता के समग्र कंप्यूटिंग अनुभव में मूल रूप से एकीकृत करने में सक्षम बनाता है।
(ii) (System Utilites) सिस्टम यूटिलीज़
ये प्रोग्राम कम्प्यूटर के रख - रखाव से सम्बन्धित कार्य करते हैं । ये प्रोग्राम्स कम्प्यूटर के कार्यों को सरल बनाने , उसे अशुद्धियों से रखने तथा सिस्टम के विभिन्न सुरक्षा कार्यो के लिए बनाए जाते हैं । यूटिलिटी प्रोग्राम | कई ऐसे कार्य करते हैं , जो कम्प्यूटर का उपयोग करते समय हमें कराने पड़ते हैं । उदाहरण के लिए , कोई यूटिलिटी प्रोग्राम हमारी फाइलों का बैकअप किसी बाहरी भण्डारण साधन पर लेने का कार्य कर सकता है । ये सिस्टम सॉफ्टवेयर के अनिवार्य भाग नहीं होते , परन्तु सामान्यतः उसके साथ ही आते हैं और कम्प्यूटर के निर्माता द्वारा ही उपलब्ध कराए जाते कुछ यूटिलिटी सॉफ्टवेयर निम्न हैं -
(a) डिस्क कम्प्रेशन (Disk Compression)
ये हार्ड डिस्क पर उपस्थित सूचना पर दबाव डालकर उसे संकुचित (Compressed) कर देता है , ताकि हार्ड डिस्क पर अधिक - से - अधिक सूचना स्टोर की जा सके । यह यूटिलिटी स्वयं अपना कार्य करती रहती है तथा जरूरी नहीं कि उपयोगकर्ता को इसकी उपस्थिति की जानकारी हो।
(b) डिस्क फ्रेग्मेण्टर (Disk Fragmenter)
यह कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क पर विभिन्न जगहों पर बिखरी हुई फाइलों को खोजकर उन्हें एक स्थान पर लाता है । इसका प्रयोग फाइलों तथा हार्ड डिस्क की खाली पड़ी जगह को व्यवस्थित करने में होता है।
(c) बैकअप यूटिलिटीज (Backup Utilites)
यह कम्प्यूटर की डिस्क पर उपस्थित सारी सूचना की एक कॉपी रखता तथा जरूरत पड़ने पर कुछ जरूरी फाइलें या पूरी हार्ड डिस्क की सामग्री वापस रिस्टोर (Restore) कर देता है।
(d) डिस्क क्लीनर्स (Disk Cleaners)
ये उन फाइलों को ढूंढकर डिलीट (Delete) करता है , जिनका बहुत समय से उपयोग नहीं हुआ है। इस प्रकार ये कम्प्यूटर की गति को भी तेज करता है।
Application software (एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर)
Types of application software (एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार)
- Horizontal software (हॉरिजॉन्टल सॉफ्टवेयर)
- Vertical software (वर्टिकल सॉफ्टवेयर)
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