Computer Coding System Kya Hai In Hindi, ASCII, ISCII And Unicode


कंप्यूटर कोडिंग सिस्टम क्या है,Computer Coding System Kya Hai In Hindi,ASCII, ISCII And Unicode

    हम जानते हैं कि कोई भी डेटा चाहे वह न्यूमैरिक हो अथवा अल्फाबेटिक हो, बायनरी नंबर- 0 और 1 के रूप में कंप्यूटर की मेमोरी में संग्रह होता है। इस बायनरी के 0 व 1 के उपयोग के पीछे तथ्य यह नहीं है। कि बायनरी नंबर सिस्टम का उपयोग या उसका अन्य नंबर सिस्टम में परिवर्तन मे परिवर्तन हो बल्कि कुछ कोडिंग स्कीम है, जिसमें की बायनरी के 0 व 1 का उपयोग किया जाता है। इस तरह के कोडिंग सिस्टम में प्रत्येक चिन्ह को बायनरी अंकों के समूह के द्वारा अद्वितीय रूप से प्रदर्शित किया जाता है। और इस तरह से प्रत्येक चिन्ह के लिए एक निश्चित बिट्स का समूह होता है। इसलिए किसी भी तरह के परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होती है। 
    कुछ मुख्य बायनरी कोडिंग सिस्टम निम्नलिखित है -

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    Computer Coding System Kya Hai In Hindi


    Computer Codes (कंप्यूटर कोड) 

    कंप्यूटर कोड ऐसे निर्देश होते हैं जो एक विशिष्ट प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे जाते हैं और सॉफ्टवेयर, एप्लिकेशन, वेबसाइट और अन्य डिजिटल उत्पादों को बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये कोड निर्देशों का एक समूह है जो कंप्यूटर को बताता है कि क्या करना है और कैसे करना है।

    कंप्यूटर कोड को उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले उद्देश्य के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।  कुछ सामान्य प्रकार के कंप्यूटर कोड में शामिल हैं:

    1.  प्रोग्रामिंग कोड: यह सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन बनाने के लिए उपयोग किया जाने वाला कोड है।  यह Java, C++, Python और अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखा गया है।
    2. मार्कअप कोड: इस कोड का उपयोग वेब पेज बनाने के लिए किया जाता है और इसे HTML, CSS और XML जैसी भाषाओं में लिखा जाता है।
    3. स्क्रिप्टिंग कोड: इस कोड का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम पर कार्यों को स्वचालित करने के लिए किया जाता है।  यह बैश, पॉवरशेल और जावास्क्रिप्ट जैसी स्क्रिप्टिंग भाषाओं में लिखा गया है।
    4. मशीन कोड: यह वह कोड होता है जिसे सीधे कंप्यूटर के हार्डवेयर द्वारा निष्पादित किया जाता है।  यह बाइनरी कोड में लिखा जाता है, जिसमें केवल एक और शून्य होते हैं।

    कंप्यूटर कोड आधुनिक डिजिटल सिस्टम के कामकाज के लिए आवश्यक हैं और डेवलपर्स, प्रोग्रामर और कंप्यूटर वैज्ञानिकों द्वारा सॉफ़्टवेयर और एप्लिकेशन बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं जो आज हमारी दुनिया को शक्ति प्रदान करते हैं।

    1.ASCII  अमेरिकन स्टैंडर्ड कोड फॉर इनफॉरमेशन इंटरचेंज ) कोड -

    American Standard Code for Information Interchangसबसे प्रचलित है सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला कोड ASCII हैं। कंप्यूटर एवं सहायक उपकरण स्टैंडर्ड सेट का उपयोग करते हैं, जिसकी सहायता से सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सके। क्योंकि किसी एक उपकरण के द्वारा भेजी गई सूचनाएं किसी अन्य उपकरण के द्वारा स्वीकृत करके समझी जाती हैं, इसलिए एक स्टैंडर्ड कोड का होना आवश्यक है। अतः यह उपकरण प्रत्येक कैरेक्टर के लिए एक विशेष को का उपयोग करते हैं, जो कि ASCII मैं होती है। ASCII कोड को दो प्रकार से बांटा जाता है-
    (i) स्टैंडर्ड ASCII या ASCII -7 कोड (ii) एक्सटेंडेड ASCII या ASCII -8 कोड

    (i) स्टैंडर्ड ASCII या ASCII - 7 कोड- 

    यह एक American Standard Code for Information Interchange 7 - Bits बिट्स  कोड होता है, जिसमें 3- बिट्स जॉन बिट्स होती है वह  शेष 4 - बिटस डिजिट (Digit) बिट्स होती है तथा इस सिस्टम में कुल 128 दिन प्रदर्शित किए जा सकते हैं। सामान्यतः माइक्रो कंप्यूटर में बाइट (8-Bits) फॉर्मेट उपयोग किया जाता है वह सबसे उल्टे (Left) तरफ की एक बिट को सुनने माना जाता है यह पद्धति प्रत्येक बाइट में मान्य होती है।           
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    Coding System kya hai

             स्टैंडर्ड ASCII कैरेक्टर सेट में 128 कैरक्टर्स होते हैं, जिसमें ऊपर (Upper) वह लोअर (Lower) केस [A Z & a-z}लेटर्स व फंक्चुएन (Punctuation) चिन्ह इत्यादि होते हैं। स्टैंडर्ड ASCII कोड का लगभग सभी कंप्यूटर व इनपुट/ आउटपुट उपकरणों में उपयोग होता है।
    उदाहरण - NITIN   =  ?  (7 bits ASCII Code)


    हल - N              I                T                I              
            ↓              ↓                ↓                ↓              
    1001110  1001001  1010100  1001001 
         
            N
            ↓
       1001110

    .;.   NITIN  =  1001110       1001001                                  1010100            1001001                                       1001110

    (ii) एक्सटेंडेड ASCII या ASCII - 8 कोड-

     
    [ASCII -7] American Standard Code for Information Interchange 7 मैं सिर्फ 128 कैरक्टर्स होते हैं एवं यह बहुत कम होते हैं।इसलिए इसका एक्सटेंडेड वर्जन (Version) [ASCII - 8] American Standard Code for Information Interchange 8 बनाया गया है जिसमें कुल 256 (2⁸)  कैरक्टर्स होते हैं। अतः बाद के 128 कैरक्टर्स बिट्स (bits) होती हैं।
            इस प्रकार के ASCII - 8 में कुल 256 कैरक्टर्स अथवा जिन होते हैं जिसमें से प्रथम 128 कैरक्टर्स स्टैंडर्ड सेट में आते हैं जो कि प्रत्येक सॉफ्टवेयर में एक जैसे होते हैं वह बाद में 128 कैरक्टर्स, एक्सटेंडेड सेट में आते हैं जिनका उपयोग प्रत्येक सॉफ्टवेयर में अलग-अलग प्रकार के कैरेक्टर्स के लिए किया जाता है।
    उदाहरण  -  NITIN   =  ?  (7 bits ASCII Code)
      

    हल -     N                     I                         T               

                 ↓                      ↓                        ↓             1011110          10101001     10110100
             
                 I                       N
                ↓                        ↓
          10101001         10101110


    .;.  NITIN =    10101110         10101001                           101110100        10101001 
                         10101110 

    2.इस्की कोड (ISCII Code)-

    इस्की या  ' सूचना अंतरविनियम के लिए भारतीय लिपि संहिता (Indian Standrad Code For Information Interchange (ASCII) भारत में प्रचलित विभिन्न लिपियों को कंप्यूटर पर (डिजिटल रूप में ) निरूपित के लिए निर्मित एक मानक इनकोडिंग है। इसके द्वारा समर्थित लिपियां है- असमिया, बांग्ला, देवनागरी, गुजराती, गुरुमुखी, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, तमिल तथा तेलुगू।
      
           सत्तर के दशक से ही इलेक्ट्रॉनिकी विभाग और राजभाषा विभाग की विभिन्न समितियां विभिन्न कोणों एवं कुंजीपटलो का विकास कर रही हैं जो भारतीय लिपियों की समान ध्वन्यात्मक सरचना के कारण उनकी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। ISCII इंडियन स्टैंडर्ड कोड  फॉर इनफॉरमेशन इंटरचेंज (Indian Standrad Code For Information Interchange) - सूचना के आदान-प्रदान के लिए भारतीय लिपि कोड) यह सूचना के आदान-प्रदान के लिए 8 बिट कोड वाला अक्षर समूह है। यह उन सभी कंप्यूटर एवं संचार मीडिया में उपयोग के लिए बनाया गया है जो 7 अथवा 8 बिट अक्षरों का उपयोग करते हैं उच्चतर 128 अक्षर प्राचीन ब्राही लिपि पर आधारित 10 भारतीय लिपियों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं सामान्य इनक्रीस कुंजीपटल से सभी 10 भारतीय लिपियों का टंकण संभव है। यह किसी भी वर्तमान अंग्रेजी कुंजीपटल पर काम करता है। अंग्रेजी और हिंदी का बारी-बारी से उपयोग कैप्सलॉक कुंजी के जरिए किया जाता है। इस्क्रिप्ट कुंजीपटल में स्वर एवं व्यंजन वर्णों की तार्किक एवं सहज व्यवस्था की गई है। यह वर्डो के ध्वन्यात्मक गुणों एवं उपयोग की सापेक्षिक बारंबरता पर आधारित है। इससे कुंजीपटल को सीखना न केवल बहुत आसान हो जाता है बल्कि कोई व्यक्ति सभी भारतीय लिपियों में टाइप भी कर सकता है।

    3. यूनिकोड (Unicode - Universal Code)-


    कंप्यूटर के बढ़ते व्यवहार तथा अलग-अलग भाषाओं में कंप्यूटर के उपयोग ने एक पब्लिक कोड (Public Code) की आवश्यकता को जन्म दिया जिसमें संसार के प्रत्येक कैरेक्टर के लिए एक अलग कोड निर्धारित हो ताकि प्रत्येक भाषा, प्रत्येक प्रोग्राम तथा प्रत्येक सॉफ्टवेयर में उसका प्रयोग किया जा सके। इसके लिए यूनिकोड की व्यवस्था की गई जिसमें एक लाख कैरेक्टर के निरूपण की क्षमता है। यूनिकोड विश्व की सभी भाषाओं में प्रयुक्त पहले 256 कैरेक्टर का निरूपण अस्सकी कोड के समान है। इसमें प्रत्येक कैरेक्टर को 32-bit में निरूपित किया जाता है। 

                           : What is Computer 

    यूनिकोड में तीन प्रकार की व्यवस्था प्रयोग में लाई जाती है।


    (i) यूटीएफ  -8 (UTF- 8) - 

    UNICODE TRANSFORMATION FORMAT-8)-


    यूटीएफ  -8 फॉर्मेट में समस्त यूनिकोड अक्षरों को एक, दो, तीन या चार बाइट के कॉल में बदला जाता है।

    (ii) यूटीएफ - 16 (UTF - 16)- 

    इस फॉर्मेट में यूनिकोड अक्षरों को एक या दो शब्दों (1शब्द = 16 बिट ) के कोड में बदला जाता है। अतः इसे वर्ल्ड ओरिएंटेड फॉर्मेट (Word Oriented Format) भी रहते हैं।

    (iii) यूटीएफ -32 (UTF-32)- 

    कोर्ट में समस्त अक्षरों को 2 शब्दों (Words) यानी 32 बिट की यूनिकोड में बदला जाता है।

    यूनिकोड और ADCII कोड के बीच मूल अंतर - (Basic difference between Unicode and ADCII codes) -


    यूनिकोड 16 बिट इनकोडिंग का प्रयोग करता है जो 65000 हजार से अधिक कैरेक्टरो के लिए कोड प्वाइट उपलब्ध कराता है। यूनिकोड स्टैंडर्ड प्रत्येक प्रत्येक कैरेक्टर को विलक्षण संख्यात्मक मान और नाम उपलब्ध कराते हैं। यूनिकोड विश्व की सब लेखनी वदध भाषाओं के लिए प्रयुक्त सभी कलेक्टरों को इनकोड करने की क्षमता उपलब्ध कराता है। [ASCII 8] American Standard Code for Information Interchange 8 बिट कोड का प्रयोग करता है जो 7-BIT [ASCII] American Standard Code for Information Interchange 7 कोड का एक विस्तार है। यह 10 भारतीय लिपियों के लिए अपेक्षित मूल वर्णनात्मक रखता है जो ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न हुई है।

    मुख कोडिंग लैंग्वेज

    कुछ प्रमुख कोडिंग लैंग्वेज निम्नलिखित हैं:-

    1. जावा (Java)
    2. पायथन (Python)
    3. सी++ (C++)
    4. जावास्क्रिप्ट (JavaScript)
    5. गोलांग (Go)
    6. रूबी (Ruby)
    7. सी (C)
    8. एसक्यूएल (SQL)
    9. स्विफ्ट (Swift)
    10. कोटलिन (Kotlin)

    ये कुछ मुख्य लैंग्वेज हैं, लेकिन इसके अलावा भी बहुत से अन्य कोडिंग लैंग्वेज हैं जो विभिन्न प्रोग्रामिंग टास्क के लिए उपयोग किए जाते हैं।


    कोडिंग क्या होती है-

    कोडिंग एक क्रिया होती है जिसके द्वारा एक या अधिक प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग करके, कंप्यूटर या अन्य उपकरणों को निर्देशित किया जाता है। संकेतों, शब्दों, नंबरों और लक्षणों का एक संग्रह होता है जिसे कंप्यूटर द्वारा समझा जाता है और उसके अनुसार कार्य किया जाता है।


    यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो संगठित तरीके से कंप्यूटर को काम करने के लिए निर्देश देता है। कोड द्वारा, विभिन्न उपकरणों, सिस्टमों और ऐप्स को बनाया जा सकता है जो हमारे दैनिक जीवन को आसान और संभव बनाते हैं।


    यह एक तकनीकी प्रक्रिया है जो दक्षता और धैर्य की आवश्यकता होती है। एक अच्छा कोडर उपकरणों को इस तरह से प्रोग्राम करता है कि वे उपयोगकर्ताओं के लिए निखरते हैं और उन्हें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सेवा करते हैं।


    कोडिंग केसे सीखें Coding kaise sikhe-

    कोडिंग सीखने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन किया जा सकता है:-


    • पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करें कि आप क्या सीखना चाहते हैं। क्या आप वेब डेवलपमेंट, मोबाइल डेवलपमेंट या डेटा साइंस में अपनी कैरियर बनाना चाहते हैं? आपके लक्ष्य के अनुसार आपको लैंग्वेज चुनने की आवश्यकता होगी।
    • उचित संसाधनों की तलाश करें। इंटरनेट पर बहुत से मुफ्त और भुगतान के संसाधन उपलब्ध हैं। आप एक अच्छी ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे Udemy, Coursera, Codecademy आदि पर जाकर कोडिंग सीख सकते हैं।
    • एक कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन चाहिए। कंप्यूटर और इंटरनेट के साथ आप अपनी प्रैक्टिकल ज्ञान को बढ़ा सकते हैं।
    • आपके पास ट्यूटोरियल, कोडिंग बुक्स, ब्लॉग्स, और अन्य संसाधन भी होने चाहिए जिससे आप अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
    • अपनी शुरुआती परीक्षण के लिए आप सॉफ्टवेयर जैसे Notepad++ जैसे एडिटर का उपयोग कर सकते हैं।


    कोडिंग सीखने के फायदे-


     कोडिंग सीखने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं-


    समस्या को सुलझाने के कौशल: कोडिंग के लिए जटिल समस्याओं को छोटे भागों में तोड़ने और समाधान खोजने की आवश्यकता होती है।  यह मजबूत समस्या-समाधान कौशल विकसित करने में मदद कर सकता है जिसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है।


    •  रचनात्मकता और नवीनता: कोडिंग नई तकनीकों और समाधानों के निर्माण की अनुमति देती है, जिससे व्यक्तियों को अपनी रचनात्मकता व्यक्त करने और नवाचार करने का अवसर मिलता है।
    •  नौकरी के अवसर: प्रतिस्पर्धी वेतन के साथ कई नौकरी के अवसर प्रदान करते हुए कुशल प्रोग्रामर की मांग लगातार बढ़ रही है।
    •  लचीलापन: कोडिंग कहीं से भी की जा सकती है, और दूरस्थ कार्य के उदय के साथ, यह अत्यधिक लचीला पेशा बन गया है।
    •  स्वचालन: कोड का उपयोग करके दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करने की क्षमता समय बचा सकती है और दक्षता बढ़ा सकती है।
    •  तकनीक को समझना: कोड सीखना व्यक्तियों को इस बात की बेहतर समझ देता है कि तकनीक कैसे काम करती है, जिससे वे अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं के बारे में अधिक सूचित निर्णय ले सकते हैं।
    •  सशक्तिकरण: कोड को जानने के तरीके से लोग अपने डिजिटल जीवन को नियंत्रित करने, अपने स्वयं के समाधान बनाने और यह समझने में सक्षम हो सकते हैं कि प्रौद्योगिकी उनकी दुनिया को कैसे प्रभावित कर रही है।
    •  सहयोग: कोडिंग के लिए अक्सर दूसरों के सहयोग की आवश्यकता होती है, जो टीम वर्क और संचार कौशल में सुधार कर सकता है।
    •  कुल मिलाकर, कोड सीखना बेहतर समस्या-सुलझाने के कौशल से लेकर नौकरी के अवसरों और प्रौद्योगिकी की अधिक समझ तक व्यक्तिगत और व्यावसायिक लाभ प्रदान कर सकता है।


    ऑनलाइन और ऑफलाइन कोडिंग

    ऑनलाइन और ऑफलाइन कोडिंग दो अलग-अलग तरीकों से होती है। ऑफलाइन कोडिंग आमतौर पर किसी स्थान पर सीधे कंप्यूटर पर कोडिंग करना होता है, जबकि ऑनलाइन कोडिंग इंटरनेट के माध्यम से वेब-बेस्ड एप्लीकेशन या कंप्यूटर पर बनाए गए कोडिंग एडिटर का उपयोग करके किया जाता है।

    ऑफलाइन कोडिंग में, आपको कंप्यूटर या लैपटॉप के लिए कोडिंग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना होता है और इसके बाद आप बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी कोडिंग कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको इंटरनेट से कोई डेटा डाउनलोड नहीं करना पड़ता है, जो इंटरनेट कनेक्शन कम होने के कारण कोडिंग करने के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है। इसके साथ ही, ऑफलाइन कोडिंग कंप्यूटर स्क्रीन और कीबोर्ड का उपयोग करने के कारण बहुत अधिक फोकस होता है।


    कोडिंग सीखें - वेबसाइट।

    कोडिंग सीखने के लिए वेबसाइट-

    कोडिंग सीखने के लिए कुछ उपयोगी वेबसाइट हैं जो निम्नलिखित हैं-

    1. Codecademy: यह एक अधिकांश वेब डेवलपमेंट को सीखने के लिए नि:शुल्क ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला है।
    2. W3Schools: यह एक बहुत ही लोकप्रिय वेबसाइट है, जो विभिन्न प्रकार के वेब डेवलपमेंट टॉपिक्स, जैसे HTML, CSS, JavaScript, PHP और SQL आदि के बारे में ट्यूटोरियल और उदाहरण प्रदान करती है।
    3. FreeCodeCamp: यह भी एक नि:शुल्क ऑनलाइन पाठ्यक्रम है, जिसमें आप वेब डेवलपमेंट, मशीन लर्निंग और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन जैसे क्षेत्रों में कोडिंग सीख सकते हैं।
    4. Udemy: यह एक ऑनलाइन विद्यालय है, जिसमें आप कई विषयों में सीख सकते हैं, जैसे वेब डेवलपमेंट, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस आदि।
    5. Coursera: यह भी एक अधिकांश विषयों के लिए ऑनलाइन कोर्स प्रदान करता है, जो कि कुछ निःशुल्क और कुछ पेमेंट के होते हैं।

    इन सभी वेबसाइटों को आप कोडिंग सीखने के लिए ...


    कोडिंग आने के लाभ-

    कोडिंग या प्रोग्रामिंग का अध्ययन करने से अनेक लाभ हो सकते हैं। यह निम्नलिखित तरीकों से फायदेमंद हो सकता है:-

    1. समस्याओं का हल: कोडिंग के जरिए आप समस्याओं का समाधान करने की कला सीखते हैं। आप अपने कंप्यूटर को कमांड देकर कुछ ऐसा करने के तरीके जान सकते हैं जो आपको समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकते हैं।
    2. रोजगार के अवसर: आज के समय में कम्प्यूटर संबंधित क्षेत्रों में अनेक रोजगार के अवसर हैं जिनमें कोडिंग सीखने से बेहतर नौकरी के अवसरों में सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
    3. समझ में आसानी: कोडिंग के अध्ययन से आप लॉजिक, समझ और नियंत्रण को समझने में बेहतर हो सकते हैं। यह आपको अपनी दैनिक जीवन में भी मदद कर सकता है।
    4. संवेदनशीलता विकसित करें: कोडिंग के अध्ययन से आप अपनी संवेदनशीलता को विकसित कर सकते हैं। आप अपनी समस्याओं के लिए एक समाधान बनाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं|

    कोडिंग करने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू केसे करे-


    कोडिंग आवेदन प्रक्रिया का मतलब हो सकता है कि आप किसी कंपनी या संगठन में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करने के लिए आवेदन करना चाहते हैं। यदि ऐसा है, तो निम्नलिखित आवेदन प्रक्रिया का अनुसरण कर सकते हैं:

    1. रिस्यूमे और कवर लेटर तैयार करें: सबसे पहले आपको अपना रिस्यूमे और कवर लेटर तैयार करना होगा। आपका रिस्यूमे आपके अनुभव, शिक्षा, कौशल और सम्पर्क जानकारी शामिल करना चाहिए। कवर लेटर में आपको अपने कौशलों और क्षमताओं के बारे में लिखना चाहिए, और यह बताना चाहिए कि आप क्यों इस कंपनी में काम करना चाहते हैं।
    2. वेबसाइट द्वारा आवेदन करें: अधिकांश कंपनियां अब वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को पसंद करती हैं। आपको कंपनी की वेबसाइट पर जाकर नौकरी के लिए आवेदन करने वाले भाग में जाना होगा। वहां आपको एक फॉर्म भरना होगा जिसमें आपको अपनी जानकारी, शैक्षणिक योग्यता....


    फ्री में कोडिंग कैसे तलाशें? How to find coding for free?

    उत्तर: कोडकेडमी, कोडवेनजर, कोडस्कूल आदि वेबसैत की मदद से।

    कोडिंग कैसे तलाशें? How to find coding?

    उत्तर: कोडिंग सीखने के झूठ आपको काम से एक प्रोग्रामिंग या स्क्रिप्ट लैंगवेज सीखना होता है।  के सारे ओनलैन पलटते हैं, जहान से आप मुफ्त में ये सब सीख सकते हैं।

    कोडिंग भाषा क्या है? What is coding language?

    उत्तर: कोडिंग मूल रूप से कम्प्युटार की भाषा है, जिसक अपयोग एप्स, वेबसैत और सोफ्तावेयार विकसित करने के झूठ किया जाता है।

    कोडिंग सीखने से क्या फ़ायदा है? What are the benefits of learning coding?

    उत्तर: लोजिकल थिंकिंग पोवर बढती है, प्रोब्लम सॉल्विंग पोवर अच्छी होती है और फोकस और कंसंट्रेशन मजबूर आदि होते हैं।

    कंप्यूटर में कितने प्रसार की भाषाएं होती हैं? How many languages ​​are there in Kamputra?


    उत्तर: कम्युतर की भाषा को 2 भागो में बना जा सकता है।
    1. मशीनी भाषा:
    2. असेंबली भाषा:

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