Classification of Computers कंप्यूटर का वर्गीकरण
कंप्यूटर को उनके उद्देश्य, आकार, वास्तुकला और क्षमताओं जैसे विभिन्न मानदंडों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। यहाँ कंप्यूटर के कुछ सामान्य वर्गीकरण दिए गए हैं-
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Classification of Computers |
Based on Purpose (उद्देश्य के आधार पर)-
- पर्सनल कंप्यूटर (पीसी)
- वर्कस्टेशन
- सर्वर
- सुपर कंप्यूटर
- अंतः स्थापित प्रणालियाँ
- मेमिंग कंसोल
Based on Size (आकार के आधार पर)-
- बृहत अभिकलित्र
- मिनी कंप्यूटर
- माइक्रो-कंप्यूटरों
Based on Architecture (वास्तुकला के आधार पर)-
- एकल-उपयोगकर्ता कंप्यूटर
- बहु-उपयोगकर्ता कंप्यूटर
- समानांतर कंप्यूटर
- वितरित कंप्यूटर
Based on Capabilities (क्षमताओं के आधार पर)-
- एनालॉग कंप्यूटर)
- डिजिटल कंप्यूटर
- हाइब्रिड कंप्यूटर
Based on Form Factor (फॉर्म फैक्टर के आधार पर)
- डेस्क टॉप कंप्यूटर
- लैपटॉप कंप्यूटर
- टैबलेट कंप्यूटर
- स्मार्टफोन्स
प्रत्येक प्रकार के कंप्यूटर की अपनी ताकत और कमजोरियां होती हैं, और इसे विशिष्ट आवश्यकताओं और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जैसे-जैसे नई तकनीकें और उपयोग के मामले सामने आते हैं, कंप्यूटर का वर्गीकरण लगातार विकसित हो रहा है।
Classification of Computers कंप्यूटर का वर्गीकरण
Super computer (सुपरकंप्यूटर)-
Mainframe computer (मेनफ्रेम कंप्यूटर)-
Mini Computer (मिनी कंप्यूटर)-
Micro computer (माइक्रो कंप्यूटर)-
Personal computer (पर्सनल कंप्यूटर (पीसी)
Work station (वर्कस्टेशन)-
Embedded computer (एंबेडेड कंप्यूटर)-
Server Computer (सर्वर कंप्यूटर)-
Gaming Computer (गेमिंग कंप्यूटर)-
Home Theater PC (होम थिएटर पीसी)-
Classification of Computers kya hai
पर्सनल कम्प्यूटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- डेस्क टॉप और पोर्टेबल -
(1) Desk Top PC (डेस्क टॉप पी.सी.)-
अधिकतर विद्यालयों , घरों और व्यवसायों में उपयोग किये जाने वाले पी.सी. डेस्क टॉप पी.सी. होते हैं । डेस्क टॉप पी.सी. के बाजार में उपलब्ध मॉडल हैं— IBM PC ; IBM PS / 2 ; Apple II Ile , IIc और Macintosh Line ; Tandy 1000 , 2000 , 3000 , 4000 , Compaq Deskpro 286 और 386 Pentium , Pentium Pll , Pentium PIll आदि ।
डेस्क टॉप पी.सी. को हम दो श्रेणियों में बाँट सकते हैं- सिंगल यूजर सिस्टम और मल्टी यूजर सिस्टम सिंगल यूजर सिस्टम एक बार में एक व्यक्ति द्वारा उपयोग किये जाने वाला पी.सी. होता है। मल्टीयूजर सिस्टम वे पी.सी. हैं जिन्हें अनेक व्यक्ति एक बार में काम ले सकते हैं , ऐसे पी.सी. नेटवर्क पर लगाये जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अलग - अलग कम्प्यूटर पर कार्य करता है लेकिन ये सभी कम्प्यूटर परस्पर जुड़े रहते हैं ।
(2) Portable PC (पोर्टेबल पी.सी.)-
इसके अन्तर्गत वैसे PCs आते हैं जो सुविधाजनक तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित किये जा सकते हैं । मुख्यतः दो प्रकार के पोर्टेबल पी.सी. होते हैं जो निम्नलिखित हैं -
(i) Laptop PC (लैपटॉप पी.सी.)-
ऐसे पी . सी . जिनका वजन लगभग 1 से 4 किलोग्राम के बीच होता है और एक व्यक्ति इन्हें अपनी गोद में रखकर इन पर कार्य कर सकता है, लैपटॉप पी.सी. कहलाते हैं। इनकी संरचना इतनी सरल होती है कि वे ब्रीफकेस की तरह एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाये तथा ले जाये जा सकते हैं। इनकी स्क्रीन चपटी होती है , की-बोर्ड में बटन छोटे होते हैं अतः ये जगह कम घेरते हैं। इन्हें प्रायः बैटरी से चलाया जा सकता है।
इसलिये लैपटॉप पी.सी. यात्रा के समय रेलगाड़ी में बैठकर, शेयर बाजार में या अन्य स्थान पर उपयोग किये जा सकते हैं ।
(ii) Palm Top (पामटॉप पी.सी.)-
हथेली के आकार के पी.सी. को पाम टॉप पी.सी. कहते हैं । यह छोटा - सा पी.सी. एक व्यक्ति की शर्ट या पैंट की जेब में रखा जा सकता है । आजकल सेल्यूलर फोन में पी.सी. को समाहित करके इसका उपयोग बहुआयामी कर दिया गया है । यह पाम टॉप पी.सी. इलेक्ट्रॉनिक डायरी के रूप में हमें विभिन्न सूचनायें एकत्रित करके देता है , जैसे विभिन्न शहरों के मानचित्र , शेयर बाजार की वर्तमान स्थिति , टेलीफोन डायरेक्ट्री , विभिन्न टैक्सों की सारणी , होटलों के पते आदि । इस पी.सी. में कैलकुलेटर के समान छोटे बटनों वाला की - बोर्ड होता है , एक छोटी सी स्क्रीन होती है और इसे बैटरी से चलाया जाता है ।
(3) PC (Personal Computer) -
प्रारम्भ में विकसित किये गये पी.सी. में इन्टेल कम्पनी द्वारा आविष्कृत माइक्रोप्रोसेसर INTEL 8086 लगा हुआ था। यह 8 bit प्रोसेसर था जो IBM - PC के मापदण्ड को पूरा करता था। इस माइक्रोप्रोसेसर का आन्तरिक कार्य अपने डाटा , मेमोरी एड्रेस तथा निर्देश - बिन्दुओं को स्टोर यानी संग्रहीत करना है । इस माइक्रोप्रोसेसर में यह सुविधा प्रदान करने के लिये यानी डाटा हस्तांतरण व डाटा प्रोसेसिंग के लिये 14 रजिस्टर लगे थे। इसकी संचय - क्षमता 128 से 640 KB तक थी तथा इसके फ्लॉपी ड्राइवों की संख्या 1 या 2 थी । इस प्रकार के कम्प्यूटर में हार्डडिस्क नहीं होती थी तथा गणना गति 8 मेगाहर्ट्ज थी। इसकी मेमोरी 1MB तक होती थी। डाटा बेस का आकार 8 बिट तथा इन्ड्रेस बस का आकार 20 बिट होता था।
(4) PC-XT-
इसमे 8088 नामक माइक्रोप्रोसेसर लगा हुआ था । इस प्रकार कम्प्यूटर की संचय - क्षमता 640KB थी तथा माइक्रोप्रोसेसर 8 बिट का था । इसमें फ्लॉपी ड्राइवों की संख्या 1 या 2 तक थी । लेकिन इस प्रकार के कम्प्यूटरों में हार्डडिस्क होती थी तथा गणना गति 10-12 मेगाहर्ट्ज में होती थी । इसकी मेमोरी 1MB तक होती थी तथा इसमें डाटाबेस का आकार 8 बिट तथा एड्रेस बेस का आकार 20 बिट होता था ।
(5) PC-AT -
इस प्रकार के कम्प्यूटर में 80286 नामक माइक्रोप्रोसेसर लगा हुआ था। इसमें कुछ अतिरिक्त गुण थे जिनमें एक था- प्रोग्राम प्रोसेसिंग की गति तेज होना। इसकी गति 8086 की अपेक्षा अधिक थी। इस प्रकार के कम्प्यूटर की संग्रह - क्षमता 1MB से 2MB तक थी। इसमें फ्लॉपी ड्राइवों की संख्या 1 या 2 थी । इस प्रकार के कम्प्यूटरों में हार्डडिस्क होती थी तथा इसकी गणना गति 16-20 मेगाहर्ट्ज होती थी। इसकी अधिकतम मेमोरी 16MB तक होती है तथा इसमें डाटा बेस का आकार 16 बिट तथा एड्रेस बेस का आकार 24 बिट तक होता है।
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