What Is key in DBMS | What is Super key in DBMS
What Is key in DBMS
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What Is Key (की क्या है) |
What Is Key (की क्या है)
की (key) का उपयोग किसी ऐन्टिटी में, ऐन्टिटीज को अद्वितीय (uniquely) पहचानने के लिए किया जाता है, क्योंकि की (की) वे एट्रिब्यूट (attribute) या एट्रिब्यूट्स के समूह हैं, जिनका उपयोग ऐन्टिटी सेट में एक ऐन्टिटी को दूसरी से अलग करने में किया जाता है ।
की के प्रकार (Types of Key)
- Super key
- Candidate Key
- Primary Key
- Alternate Key
- Foreign Key
What is Super key in DBMS
(i) सुपर की (Super Key)
Super key in DBMS यह ऐसे एक या अधिक एट्रिब्यूट्स का सेट होता है, जो विशिष्ट तरीके से किसी ऐन्टिटी सेट को पहचान सकता है। सुपर सेट की (super key in DBMS) भी सुपर की (super key) के रूप में मानी जा सकती है। उदाहरण के लिये एक ऐन्टिटी के चार एट्रिब्यूट P.Q.R.S. है। यदि एट्रिब्यूट P उस ऐन्टिटी की विशिष्ट पहचान कर सकता है, तो P उस ऐन्टिटी के लिये सुपर की (super key) है। इसी प्रकार एट्रिब्यूट्स (attributes) का समूह या कॉम्बिनेशन भी सुपर की कहा जा सकता है, अर्थात्- (P.Q.}, {P.R.}, {P.Q.R.}, {P.Q.S.} और {P.Q.R.S.} को भी सुपर की (super key in DBMS) कहा जा सकता है।
(ii) कैंडिडेट की (Candidate Key)-
सारे एट्रिब्यूट्स का समूह जो ऐन्टिटी को विशिष्ट तरीके से पहचान सकते हैं, कैंडिडेट की (candidate key) कहलाती है। वह की (key) जिसका कोई भी प्रोपर सबसेट, सुपर की (super key in DBMS) नहीं हैं, एक कैंडिडेट की (candidate key) हो सकती है।
उदाहरण के लिये एक ऐन्टिटी के चार एट्रिब्यूट P.Q.R.S है। अब यदि एट्रिब्यूट (P) और (P.R.S) दोनों ऐन्टिटी को विशिष्ट रूप से पहचान सकते हैं, तो फिर सुपर की कि परिभाषा के अनुसार ये भी सुपर की है । P के सम्बन्ध में (P.) {P.Q.} (P.Q.R.}, {P.R.S.}, {P.Q.R.S.} और R.S. के सम्बन्ध में (R.S.P.},{R.S.Q.}, {R.S.P.Q.}
अब वे ही की (key) कैंडिडेट की हो सकती है, जिसका कोई भी प्रोपर सबसेट, सुपर की नहीं हैं । इस परिभाषा के अनुसार (P.Q.) कैंडिडेट की (candidate key) नहीं हो सकती है, क्योंकि इसका सबसेट (P) एक सुपर की (supe key) है। इसी प्रकार (Q.R.S.) भी कैंडिडेट की नहीं हो सकती है, क्योंकि इसका सबसेट {R.S.} एक सुपर की (super key) है। इस प्रकार सिर्फ (P.) और (R.S.} की कैंडिडेट की (candidate key) हो सकती है।
(iii) प्राइमरी की (Primary Key)
ऐसी कैंडिडेट की (candidate key) जिसे डाटाबेस डिजाइनिंग में किसी ऐन्टिटी को पहचानने में उपयोग किया जाता है, अथवा विभिन्न कैंडिडेट की में से ऐसी की (key) का चयन करना जो कि अद्वितीय हो तथा सम्पूर्ण एप्लिकेशन में रिलेशन को एक्सेस करने के लिए उपयोग की जा सकती है, उसे प्राइमरी की (primary key) कहते है।
(iv) अल्टरनेट की (Alternate Key)
वह कैंडिडेट की (candidate key) जो डाटाबेस (database) डिजाइन करते समय प्राइमरी की (primary key) को चुनने के बाद शेष रह जाती अल्टरनेट की (alternate key) कहलाती है।
(v) फौरिन की (Foreign Key) -
फौरिन की के द्वारा किन्हीं दो ऐन्टिटी में संबंध स्थापित किया जाता है। किसी एक ऐन्टिटी के लिये फौरिन की दूसरी एन्टिटी के लिये प्राइमरी की हो सकती है । उदाहरण के लिए माना कि दो ऐन्टिटी Student (St_Id. Name, Age, Address, Book_Id) तथा Book (Book_Id, Title, Author) हैं। प्रथम ऐन्टिटी student में Book Id एट्रिब्यूट book ऐन्टिटी के लिये फौरिन की कार्य करेगा। इसके माध्यम से हम इन दोनों रिलेशन के मध्य संबंध स्थापित कर सकते हैं। फौरिन की से संबंधित एक नियम भी है, जिसे रैफरेन्शियल इन्टीग्रिटी रूल (referential integrity rule) कहते हैं। जिसके अनुसार फौरिन की, कि वैल्यू दूसरी ऐन्टिटी में संबंधित की (key) कि वैल्यूस के समान हो अथवा नल (NULL) हो सकती है।
उदाहरण- student (St_Id, Name, Age, Address)
(vi) कम्पोजिट की (Composite Key)
एक ऐसी प्राइमरी की (primary key) जिसमें एक से अधिक एट्रिब्यूट हो कम्पोजिट की (composite key) कहलाती है।
Primary Key
Primary key, एक
table में प्रत्येक रिकॉर्ड को uniquely करती है, तथा कभी-भी दो रिकॉर्डों
के लिये same नहीं हो सकती है; जैसे-
Emp_Code, Employees Entity Set के लिये primary key हो सकती हैं।
Primary key को इस तरह चुनना चाहिये कि इसके attributes सभी change नहीं होने चाहिये; जैसे-एक व्यक्ति का addressd field, primary key का part नहीं होना चाहिये चूंकि यह change हो सकता है लेकिन Emp_Code नहीं बदला जा सकता जब तक कि व्यक्ति organization को न छोड़े। Primary key किसी भी table में unique Kye हैं।
इस table में Student की table को दर्शाया गया है। इसमें Roll No. unique key है अतः Roll No. को primary key निरूपित करना चाहिये, क्योंकि प्रत्येक Student का Roll No. कभी भी same नहीं हो सकता है। हम किसी भी table में identification number को primary key चुनेंगे, क्योंकि यह identification number प्रत्येक व्यक्ति का अलग-अलग होता है; जैसे Student table में Roll No. है।
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